मां बाप
“मां बाप”
उदास हमें देख सब पूछते हैं तुम्हें क्या गम है,
सब कुछ होते हुए भी तुम्हारी आंखें क्यों नम है।
दुनिया के सारे सुख पाकर भी खुश नहीं हम हैं,
सबसे बड़ी दौलत खो दी है ये दुख क्या कम है।
इस धरा पर मां बाप ही भगवान की पहचान है,
अपने बच्चों में हर दम बसती उनकी जान है।
धरती में सबसे अनमोल है मां बाप का प्यार,
जिसे पाने ईश्वर ने भी खुद लिए कई अवतार।
मां बाप के अनुपम स्नेह त्याग से बच्चे धन्य हो जाते,
इनके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर पाते।
कितनों दुख सह सहकर भी बच्चों को खुश रखते है,
खुद की जान से बढ़कर बच्चों की चिंता करते है।
बच्चों का ध्यान रखते हुए वे खुद का सुख भूल जाते है,
तेज धूप हो या कोई दुख बच्चों को आंचल में छुपा लेते है।
मां बाप की ममता देखो बच्चे से स्नेह सदैव वो रखते है,
कितने बड़े क्यों न हो जाए छोटे बच्चे ही समझते हैं।
उनके होते दुनिया में बच्चे को होती नहीं कोई कठिनाई,
आजीवन बनकर रहती हर मां अपने बच्चे की परछाई।
मां बाप की ममता का इस दुनिया में न कोई मोल है,
उनके स्नेह और प्यार की कीमत दुनिया में अनमोल है।।
✍️ मुकेश कुमार सोनकर “सोनकर जी”
रायपुर छत्तीसगढ़