मां तेरी याद बहुत आती है
मां तेरी याद बहुत आती है
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सुषमा सिंह *उर्मि मेरे बेटे की स्वरचित
कभी तो हंसाती है,
कभी बहुत रूलाती है,
मां मुझे तेरी बहुत याद आती है।
कभी गम भुलाती है,
कभी दर्द बढ़ा ती है,
मां मुझे तेरी बहुत याद आती है।।
याद आता है मुझे
तेरे हाथों का बना खाना,
याद आता है तेरे आंचल में आते ही
सो जाना।
अब न रातों को एक पल भी नींद आती है,
मेरी मां मुझे तेरी बहुत याद आती है।।
याद आता हे मेरी बातों पर तेरा हंसना,
तुझे हंसता देखकर मेरा मुस्कराना,
जब हर आंसु मुस्कुराहट में ,
बदल जाते है—
मां मुझे तेरी बहुत याद आती है।।
याद आता है त्यौहारों में तेरा घर को
सजाना,
हर अवसर पर रिश्तेदारों की महफिल
लगना,
अब तो हर महफिल तेरे बिन सूनी
हो जाना।
मां मुझे तेरी बहुत याद आती है।
याद आता है वो तेरी आंखों का सपना,
मुझे एक कामयाब इंसान बनते देखना
तेरे बिन कामयाबी भी रास न आती है
मां मुझे तेरी बहुत याद आती है ।।
किसी बच्चे को उसकी मां से,
कभी जुदा नकरना।
प्रभु से विनती है मेरी मां की उम्र
लम्बी करना–
मां बिना बच्चों की खुशियां,
रूठ जाती है
मेरी प्यारी मां मुझे तेरी ,
बहुत याद आती है।
बहुत याद आती है!!!!!
युवराज सिंह चौहान