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11 Sep 2020 · 1 min read

मां के आंचल में बसतीं हैं, खुशियां सकल जहांन की।

मां है सारे जग की जननी, मां रूप है श्री भगवान की
मां से बढ़कर नहीं जगत में, मां करुणा है भगवान की
मां के आंचल में बसती हैं, खुशियां सकल जहान की
मां के चरणों में तीरथ है , मां झोली है बरदान की
त्याग तपस्या की मूरत , मां सूरत है बलिदान की
तीन लोक में नहीं है मां सा, मां, मां है श्रीभगवान की
नहीं है कोई जग में उपमा, न मां समान कोई नाता
श्री चरणों में नमन है माता, तुम जीवन हो इस प्राण की

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
5 Likes · 6 Comments · 302 Views
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