मां की छाती नंगी मत कर
हरे दरखत काट दिए
बेशर्मी लाद कर
बचे नहीं शजर,
कुछ तो रहम कर
मां की छाती
नंगी मत कर,रहने भी दे कुछ हरी घास।
मान जा ,मान जा नव पौध पर रहम कर
बंद कर अनछुई कलियों से खिलवाड़ ।
हरे दरखत काट दिए
बेशर्मी लाद कर
बचे नहीं शजर,
कुछ तो रहम कर
मां की छाती
नंगी मत कर,रहने भी दे कुछ हरी घास।
मान जा ,मान जा नव पौध पर रहम कर
बंद कर अनछुई कलियों से खिलवाड़ ।