Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2024 · 1 min read

अंतिम सत्य

सत्य की खोज
सृष्टि के आरंभ से
आज तक जारी है।
सत्य की खोज ने
कितने ही लोगों को
बना दिया
महात्मा बुद्ध।
कुछ लीक से
हटकर चले,
कुछ बनी लीक पर
बने अनुगामी।
सत्य शाश्वत,
सत्य चिरंतन समाया
सृष्टि के कण- कण में।
परमात्मा की
अद्भुत रचनाऍं,
मंत्र मुग्ध होती आत्मा
एवं संपूर्ण सृष्टि।
बड़ी अलौकिक है
‘पर’ से ‘स्व’ की यात्रा।
अन्वेषण अपनी आत्मा का
स्वार्थ की परतें हटाकर,
मुखौटो का छद्म आवरण
सत्य के तेज में जलाकर।
अपनी पवित्र
आत्म छवि से
मिलना बड़ा ही
रोमांचक है।
आत्मा अपने शिव रूप में
सदा खुश रहने वाली,
परम शांति प्रिय
आह्लादित करने वाली,
खुशियाॅं देने वाली
अक्षय प्रकाश पुंज है।
इस जीवन यात्रा में
हृदय पर छोड़ते हैं जो छापें,
अगले जनम में
भाग्य निर्माण
करती है हमारा।
जागृत है गर विवेक
पिछले कर्मों का कर
भुगतान
संचित करते अच्छे कर्म।
वरण करते मृत्यु का
जो इस जीवन का
अंतिम सत्य है।
प्रतिभा आर्य
चेतन एनक्लेव
अलवर (राजस्थान)

13 Likes · 3 Comments · 509 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
View all
You may also like:
युग बीते और आज भी ,
युग बीते और आज भी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
Sapna Arora
राखी है अनमोल बहना की ?
राखी है अनमोल बहना की ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ़
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ़
Neelam Sharma
सीख ना पाए पढ़के उन्हें हम
सीख ना पाए पढ़के उन्हें हम
The_dk_poetry
दुआ सलाम
दुआ सलाम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Love is a physical modern time.
Love is a physical modern time.
Neeraj Agarwal
हमेशा..!!
हमेशा..!!
'अशांत' शेखर
ਦਿਲ  ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਤੇ ਫਿਰ  ਦੇ ਰਿਹਾ ਦਸਤਕ ਕੋਈ ।
ਦਿਲ ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਤੇ ਫਿਰ ਦੇ ਰਿਹਾ ਦਸਤਕ ਕੋਈ ।
Surinder blackpen
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
Vivek Mishra
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
माँ तेरे चरणों
माँ तेरे चरणों
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बड्ड यत्न सँ हम
बड्ड यत्न सँ हम
DrLakshman Jha Parimal
(7) सरित-निमंत्रण ( स्वेद बिंदु से गीला मस्तक--)
(7) सरित-निमंत्रण ( स्वेद बिंदु से गीला मस्तक--)
Kishore Nigam
"सुर्खियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर।
ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर।
surenderpal vaidya
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
Utkarsh Dubey “Kokil”
आदिशक्ति वन्दन
आदिशक्ति वन्दन
Mohan Pandey
अजीब है भारत के लोग,
अजीब है भारत के लोग,
जय लगन कुमार हैप्पी
आऊँगा कैसे मैं द्वार तुम्हारे
आऊँगा कैसे मैं द्वार तुम्हारे
gurudeenverma198
■ नाकारों से क्या लगाव?
■ नाकारों से क्या लगाव?
*Author प्रणय प्रभात*
*करता है मस्तिष्क ही, जग में सारे काम (कुंडलिया)*
*करता है मस्तिष्क ही, जग में सारे काम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बना रही थी संवेदनशील मुझे
बना रही थी संवेदनशील मुझे
Buddha Prakash
मेरा स्वप्नलोक
मेरा स्वप्नलोक
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मन का आंगन
मन का आंगन
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
ती सध्या काय करते
ती सध्या काय करते
Mandar Gangal
"रिश्ता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
भूले से हमने उनसे
भूले से हमने उनसे
Sunil Suman
नारी हूँ मैं
नारी हूँ मैं
Kavi praveen charan
2939.*पूर्णिका*
2939.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...