-मां की इच्छा
मैंने तो जीवन बिता दिया,
घर का काम करते-करते,
सबके लिए मरते,सबसे डरते,
अब, नहीं चाहती मैं…….
बिटिया भी इसी परम्परा को जिए,
सिमटी रहे घर परिवार तक,
चाहती है उसकी मां,
आगे पढ़े…. आगे बढ़े बिटिया,
समाज में अपनी जगह बनाएं,
लोग उसका नाम गाएं,
मिलें स्वतन्त्रता उसको,
सस्कांर अपने से दूंगी,
आजादी में कोई कमी नहीं रखूंगी,
खड़ी हो अपने पैरों पर,
समाज की बेड़ियों को तोड कर,
अपनी अलग पहचान बनाएं,
अपना सुंदर जीवन बिताएं
बेटी बस काबिल बन जाएं,
मां का जीवन’सीमा’सुखी हो जाएं।
– सीमा गुप्ता