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23 Jun 2019 · 1 min read

मांझी अकेला

भवनाओं के उथले सागर में..
भारी सी नाव लिए..
चाहत की टूटी गागर में..
राहतों का ख्याल लिए..
सागरमंथन की लालसा में..
कमजोर पतवार लिए..
अमृतसंधान की आकांक्षा में..
विष का पारावार लिए..

एक मांझी अकेला..

Language: Hindi
231 Views
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