Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2024 · 1 min read

‘माँ’

वात्सल्य भाव है सत्य सनातन,
इसके बिन दुखित शिशु जीवन।
माँ के हृदय में ममता वो बसती,
निर्भय हम पलते जिसके उपवन।

भरती अपने आँचल में दुख,
बच्चों को देती सारे ही सुख।
अपना सुख कर दे वो किनारे,
मुरझाने ना दे बच्चों का मुख।

हृदय कोष है अज़ब निराला,
खुला ही रहता उसका ताला।
भर-भर बांटे जीवन भर भी,
वो रिक्त नहीं कभी होने वाला।

करना सदा माँ का सम्मान ,
हर पल रखना उनका ध्यान।
सदा ही माँ के चरण पखारें,
पाओगे सदा सुख का वरदान।

सारे तीर्थ हैं सब व्यर्थ तुम्हारे,
बने न जो तुम उसके सहारे।
अंत समय कर लो तुम सेवा,
सुख-वैभव खेलेंगे तुमरे द्वारे।

-गोदाम्बरी नेगी
हरिद्वार (उत्तराखंड)

Language: Hindi
78 Views
Books from Godambari Negi
View all

You may also like these posts

कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
डॉ. शिव लहरी
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कर्मठ बनिए
कर्मठ बनिए
Pratibha Pandey
कर्म यदि अच्छे हैं तो डरना नहीं
कर्म यदि अच्छे हैं तो डरना नहीं
Sonam Puneet Dubey
वृद्धों को मिलता नहीं,
वृद्धों को मिलता नहीं,
sushil sarna
Love's Burden
Love's Burden
Vedha Singh
साड़ी
साड़ी
Sudhir srivastava
नया साल
नया साल
विजय कुमार अग्रवाल
" इंतकाम "
Dr. Kishan tandon kranti
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
डॉ. दीपक बवेजा
मासुमियत है पर मासुम नहीं ,
मासुमियत है पर मासुम नहीं ,
Radha Bablu mishra
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
अंसार एटवी
विषय : बाढ़
विषय : बाढ़
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
"मेहंदी"
Shashi kala vyas
मेरे बाबूजी लोककवि रामचरन गुप्त +डॉ. सुरेश त्रस्त
मेरे बाबूजी लोककवि रामचरन गुप्त +डॉ. सुरेश त्रस्त
कवि रमेशराज
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
सिर्फ काबिल बनने से घर चलते है
सिर्फ काबिल बनने से घर चलते है
पूर्वार्थ
Good morning 🌅🌄
Good morning 🌅🌄
Sanjay ' शून्य'
🙅आज🙅
🙅आज🙅
*प्रणय*
जिंदगी में हजारों लोग आवाज
जिंदगी में हजारों लोग आवाज
Shubham Pandey (S P)
kab miloge piya - Desert Fellow Rakesh Yadav ( कब मिलोगे पिया )
kab miloge piya - Desert Fellow Rakesh Yadav ( कब मिलोगे पिया )
Desert fellow Rakesh
* नहीं पिघलते *
* नहीं पिघलते *
surenderpal vaidya
सरजी सादर प्रणाम 🙏
सरजी सादर प्रणाम 🙏
सुरेंद्र टिपरे
POWER
POWER
Satbir Singh Sidhu
हवा,धरती,पानी और आग की सीख
हवा,धरती,पानी और आग की सीख
Anil Kumar Mishra
2973.*पूर्णिका*
2973.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
परिदृश्य
परिदृश्य
Vivek Pandey
शिवोहं
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
उत्तंग पर्वत , गहरा सागर , समतल मैदान , टेढ़ी-मेढ़ी नदियांँ , घने वन ।
उत्तंग पर्वत , गहरा सागर , समतल मैदान , टेढ़ी-मेढ़ी नदियांँ , घने वन ।
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
किसी का कचरा किसी का खजाना होता है,
किसी का कचरा किसी का खजाना होता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...