Books by Godambari Negi 1 book List Grid Godambari Negi 38 followers Follow Pundreekaksh Godambari Negi है लक्ष्य पार्थ सा तुम में, निस्वार्थ कर्म विटप सा तुम में, चेहरे पर तेज तपस्वी का, पर्वत सी तुम में स्थिरता, चाहत है चातक सी तुम में, है भरी भावों में स्निग्धता। 'पुंडरीकाक्ष' 'पुंडरीकाक्ष' की रचनाएँ गागर में सागर... 6 104 Share