माँ
माँ
एक शब्द में है पूरा संसार समाया ।
तुझसे ही मुझे मेरा अस्तित्व मिला ।।
तूने ही तो अपने खून से है मुझे सींचा ।
तूने ही तो अपने पीले गाढ़े दूध से है मुझे पोषित किया ।।
मेरी हर इच्छा को तूने है माना ।
मेरी हर खुशी के लिए तूने है दुआ मांगा ।।
मेरी तरफ आने वाले हर ग़म को तूने दूर किया ।
सलामत रखा मुझे आँचल को रक्षाकवच बनाया ।।
माँ
रहूँ मैं आबाद तूने वो सब किया ।
फले-फुले जीवन मेरा तूने है अपना भूख मारा ।।
माना कि किताबी ज्ञान मुझे मेरे गुरुजनों से मिला ।
पर जीवन का पाठ तो तूने ही है पढ़ाया ।।
अपने से करने को दूर कलेजा तेरा भी काँपा ।
जब भी देखा तुझे जाते वक्त,लगा मानो बच्चा रो रहा ।।
न मिले नौ माह तक कोख तेरी तो यह सृष्टि कैसी ।
न मिले दुलार-प्यार तो,संसार में ममत्व कैसी ।।
माँ……………………तेरे चरणों में है मेरा कोटिशः नमन।
जन्मों साथ रहे दुआ तेरी,आबाद रहे तेरी बिटिया का चमन ।।
✍️ करिश्मा शाह
नेहरू विहार, नई दिल्ली
मेल- karishmashah803@gmail.com