माँ
माँ तुम मेरी प्रेरणा हो,
पापा की सुन्दर कल्पना हो ।
हमरे जीवन का तुम हो आधार ,
क़ुदरत का हो एक अनुपम उपहार।
जब भी मैं गिरूँ तुमने संभाला ,
अपना सपना छोर हमें सँवारा ।
त्याग ये तेरा है अनोखा,
हृदय तेरा ममता का झरोखा ।
तुझसे मैंने जग को जाना ,
अपने अस्तित्व को पहचाना।
माँ मैं तेरी परछाईं हूँ,
तेरे ही आँचल में महफूज़ हो पाई हूँ।
तुझ सी ही मैं होना चाहूँ ,
तेरे लिए कुछ बन के दिखाऊँ।
तेरा जीवन आदर्श है मेरा,
त्याग,करूणा, स्नेह का बसेरा।
माँ तुम मेरी प्रेरणा हो ,
ईश्वर की अनमोल रचना हो।।
द्वारा
अनन्या जमैयार
पटना , बिहार।