माँ
माँ दोहावली
माँ में पूजा अर्चना ,माँ में समझ अजान ।
माँ में तेरा है खुदा, माँ में है भगवान ||
माँ में गीता है बसी ,माँ में बसा कुरान ।
माँ में सारे धर्म हैं ,माँ में सब भगवान ||
माँ समझे तेरी ख़ुशी, माँ ही समझे पीर ।
माँ के नैनों से बहे, केवल ममता नीर ||
बच्चे होते हैं सबल, जो माँ का हो साथ ।
मिलता मनचाहा अगर, सिर पर माँ का हाथ ||
माँ मूरत भगवान की, इसका सुंदर रूप।
माँ है छाया पेड़ सी, लगने ना दे धूप ||
माँ का हँसता चेहरा, ह्रदय भरे उल्लास
माँ की ममता से सदा, बढ़ता है विश्वास ||
मंदिर मस्जिद ढूंडता, फिरता है हर द्वार
सुख है माँ की छाँव में, करती नैया पार ||
सरिता भाटिया
दिल्ली