माँ
माँ तू अपने पास बुला ले,
बहुत जल रहा तेरा बेटा हालातों से हार चुका है
,तन्हाई में,कठिनाई से खुद ही खुद को मार चुका है,
माँ तू
,,घर मुझको खाने को दौड़े,बिस्तर सूली सा है लगता
मरूभूमि में जैसे प्यासा, बिन पानी के रहे तरसता,
माँ तू,,,
रोजगार ना आये हाथ,भैया-भाभी छुड़ाएं हाथ
बहन कभी ना आंसू पोछे,तेरा रूप ना किसी के साथ,
मां तू,,
दुनिया से फटकार है मिलती,बाबूजी भी झल्लाते हैं,
कहते हैं ओ अभागे बिन मां वाले, खोटे सिक्के भी चल जाते हैं
माँ तू,,,
दिन भर माँ मैं उड़ता जाऊं,आज़ाद रहूं ना कोई मलाल
तकिए में मुंह छिपा के रोऊँ,रातों का बस यही है हाल
माँ तू,,
दुत्कारा मैं हर पल जाऊं,पल-पल मुझको मिलती चोट
तेरा आँचल पास ना मेरे,किस में छुप कर लूं मैं ओट
माँ तू,,,
भूख,प्यास,नींद और सपने,सब मेरे अब हैं बेहाल
अब मैं किस दर पर जाऊं,कौन रखे अब मेरा ख्याल,
माँ तू अपने पास बुला ले
समाप्त