माँ सरस्वती
वीणावादिनि ज्ञान की देवी
अपनी करुणा बरसा देना
बुद्धि विवेक और सद्बुद्धि का
ज्ञान हममें तु जगा देना
निर्मल मन हो वाणी सुंदर
हृदय में बस प्रेम भरा हो
क्षल कपट तृष्णा से हो दूर
जीवन तेरी भक्ति में रमा हो
वंदन है तुझको माँ
मेरा अभिनंदन है
चरणों में तेरे शीश झुके
तुझको शत-शत् नमन है
लेखनी को तु धार दे माँ
जग में ऐसा नाम दे माँ
साहित्य का उपहार देके
जीवन को एक पहचान दे माँ
ममता रानी