“” माँ “”
‘माँ माँ सभी कहें
सम्मान सभी देते नहीं’ ,
यदि करें सम्मान सभी
वृद्धाश्रम कभी बने नहीं ।। 1
माँ के मातृत्व को पहचानो सभी
दुआओं की टोकरी हैं ये , उम्र से डोकरी हैं ये
इनके स्नेहाशीष के लिए
अपने आँचल फैलाओ सभी ।। 2
यदि छोंड़ दोगे तुम इन्हें
बेबसी और लाचारी में ,
दर – दर भटकेंगी ये
शर्म करो खुद्दारी में ।। 3
‘नल पे नल लगा होता’
ये कहावत तो खूब सुनी होगी ,
जब तुम भी प्रताड़ित किए जाओगे
सोंचो तब तुम्हें कितनी पीड़ा होगी ।। 4
जब तुम भी बूढ़े हो जाओगे
कालचक्र में आओगे ,
संततियाँ चलेंगी तुम्हारे पदचिन्हो पर ,
अपने आप को इक दिन वृद्धाश्रम में पाओगे ।। 5
आनन्द कुमार
हरदोई (उत्तर प्रदेश)