माँ माँ माता
– मां मां माता।
माता जीवन दाता है।
माता भाग्य विधाता है।
माता से मिलती है सीख
माता मे दिखता है ईश।
माता से मिलती ममता है।
माता से न कोई समता है।
माता प्रथम गुरु है ।
माता से ही सीखना शुरू है।
माता ममता की खान।
माता मे समाहित सारा जहान।
माता ईश्वर की अनोखी कृति ।
माता गुण की न हो सकती अभिव्यक्ति ।
रचनाकार- विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र
विधा- कविता
पता- नरई संग्रामगढ प्रतापगढ उ प्र
मोबाइल नंबर- 9198989831
मेल pinku1009@gmail.com