माँ भारती की पुकार
आजादी के पर्व पर, सुन माँ की फरियाद।
चीख-चीख कर कह रही, हम कितने आजाद।।१
पूर्ण रूप से है नहीं, अभी देश आजाद।
जाति-धर्म के नाम पर, दंगा कहीं फसाद।।२
तड़प रही माँ भारती, है दुख से बेहाल।
सीना छलनी कर रहे, आज उन्हीं के लाल।।३
हमको अपने देश पर, सदा रहा अभिमान।
जाति-धर्म के नाम पर, भस्म हुआ सम्मान।।४
प्रश्न चिन्ह तो है बहुत, जल्दी करो निदान।
माँ के खोये अस्तित्व का, फिर से हो सम्मान।।५
दाग बड़ा गहरा लगा, यार गुलामी नाम।
छिन लेती है जिन्दगी, जब हो देश गुलाम।। ६
मंदिर-मस्जिद नाम पर, बाँट लिया भगवान।
धरती सागर बाँट ली, मत बाँटो इंसान।।७
देश द्रोह की बू भरी, चलते गंदी चाल।
बहा दिया ईमान को, सियासतों के नाल।।८
राह नजर आता नहीं, मंजिल बैठी दूर।
उजियारा बंदी बना, हर दीपक मजबूर।।१०
खुद को पहचाने प्रथम, फिर पहचाने देश।
बने दमकता सत्य फिर , हो सुन्दर परिवेश।।१ १
भारतीय दिल से बने, हो भारतीय ख्याल।
होगा फिर आजादी दिवस, आगामी कुछ साल।। १ २
माँ ममता औ” जान जो, दोनों करते कुर्बान।
ऐसे वीर जवान से, बनता देश महान।।१३
-लक्ष्मी सिंह