माँ बनना कोई खेल नहीं
दर्द सहोगी खुशहाल रहोगी,
माँ बनना कोई खेल नहीं।
माँ की ममता सबको प्यारी,
माँ बनना कोई खेल नहीं।।
नवजीवन को धरा पर लाना,
माँ बनना कोई खेल नहीं।
माँ तो माँ है माँ की ममता,
माँ बनना कोई खेल नहीं।।
जग को अपने गर्भ में रखना,
माँ बनना कोई खेल नहीं।
जन कर जनना पैदा करना,
माँ बनना कोई खेल नहीं।।
फिर शूरवीर हो या साधु वो,
माँ बनना कोई खेल नहीं।
माँ की तुलना करना मुश्किल,
माँ बनना कोई खेल नहीं।।
माँ का आँचल सदा ही रहता,
माँ बनना कोई खेल नहीं।
तुम जनों वीर या साधु जनना,
माँ बनना कोई खेल नहीं।
माँ की ममता है अनमोल,
माँ बनना कोई खेल नहीं।
ललकार भारद्वाज