Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Apr 2024 · 1 min read

थोड़ी मोहब्बत तो उसे भी रही होगी हमसे

थोड़ी मोहब्बत तो उसे भी रही होगी हमसे
इतना वक्त सिर्फ दिल तोड़ने के लिए,
कौन बर्बाद करता है
♣️♣️♣️♣️♣️

20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"अजब-गजब मोहब्बतें"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ तो लॉयर हैं चंडुल
कुछ तो लॉयर हैं चंडुल
AJAY AMITABH SUMAN
वो मुझे रूठने नही देती।
वो मुझे रूठने नही देती।
Rajendra Kushwaha
फ़ुर्सत में अगर दिल ही जला देते तो शायद
फ़ुर्सत में अगर दिल ही जला देते तो शायद
Aadarsh Dubey
वीर रस की कविता (दुर्मिल सवैया)
वीर रस की कविता (दुर्मिल सवैया)
नाथ सोनांचली
धरी नहीं है धरा
धरी नहीं है धरा
महेश चन्द्र त्रिपाठी
*मतदान*
*मतदान*
Shashi kala vyas
मन की पीड़ा
मन की पीड़ा
पूर्वार्थ
रक्त से सीचा मातृभूमि उर,देकर अपनी जान।
रक्त से सीचा मातृभूमि उर,देकर अपनी जान।
Neelam Sharma
आ रही है लौटकर अपनी कहानी
आ रही है लौटकर अपनी कहानी
Suryakant Dwivedi
अपने को अपना बना कर रखना जितना कठिन है उतना ही सहज है दूसरों
अपने को अपना बना कर रखना जितना कठिन है उतना ही सहज है दूसरों
Paras Nath Jha
सिंदूर 🌹
सिंदूर 🌹
Ranjeet kumar patre
💐प्रेम कौतुक-387💐
💐प्रेम कौतुक-387💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हर वो दिन खुशी का दिन है
हर वो दिन खुशी का दिन है
shabina. Naaz
चूल्हे की रोटी
चूल्हे की रोटी
प्रीतम श्रावस्तवी
तेरी
तेरी
Naushaba Suriya
" बेदर्द ज़माना "
Chunnu Lal Gupta
होलिका दहन
होलिका दहन
Bodhisatva kastooriya
कर्म
कर्म
Dhirendra Singh
माँ तेरी याद
माँ तेरी याद
Dr fauzia Naseem shad
19, स्वतंत्रता दिवस
19, स्वतंत्रता दिवस
Dr Shweta sood
किसी को इतना मत करीब आने दो
किसी को इतना मत करीब आने दो
कवि दीपक बवेजा
ज़िंदगी चलती है
ज़िंदगी चलती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"स्वप्न".........
Kailash singh
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही,
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही,
नेताम आर सी
कुतूहल आणि जिज्ञासा
कुतूहल आणि जिज्ञासा
Shyam Sundar Subramanian
■ सलामत रहिए
■ सलामत रहिए
*Author प्रणय प्रभात*
काहे का अभिमान
काहे का अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*प्यार से और कुछ भी जरूरी नहीं (मुक्तक)*
*प्यार से और कुछ भी जरूरी नहीं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
Loading...