*”माँ तेरे स्वागत में”
“माँ तेरे स्वागत में”
अश्विन मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि,
नवरात्रि पर्व माँ तेरे स्वागत में।
घट स्थापना दीप प्रज्वलित कर ,
शुभ मंगल छाये अंतर्ज्योति जलाये।
नौ दिन माँ के नौ स्वरूप लिए ,
पूजन अर्चन कर शक्ति जगाये।
तोरण द्वार आम्र पल्लव से सुशोभित ,
घर आँगन रंगोली सजाये।
अक्षत रोली थाल सजाकर ,
धूप दीप नैवेध चढ़ा आरती गाये।
लाल चुनरिया ध्वजा नारियल ,
माथे पे बेंदी पांव में लाल महावर सजाए।
हलवा पूरी चना भोग सुहाय ,
लंगूर बन पवनसुत हनुमान जी भी आये।
पर्वतों पहाड़ों पर बसे मंदिर सजा ,
करती कल्याण सबको ही बुलाए।
माँ के चरणों में शीश झुकाते ,
विनती कर मनवांछित फल पाए।
हाथ जोड़ नमन करूँ सुन लो पुकार ,
अब दर्शन दे संकट कष्ट से उबर जाए।
माँ तेरे स्वागत में भक्त खड़े हुए ,
आशा विश्वास जगे उम्मीद का दीप जलाए।
जय माता दी ????