Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2022 · 1 min read

*महिला-आरक्षण (छह दोहे)*

महिला-आरक्षण (छह दोहे)
_________________________
1
महिला-आरक्षण हुआ, महिलाओं की जीत
पत्नी के सब गा रहे, अभिनंदन में गीत
2
आज नहीं तो मत सही, कल को होगा राज
आरक्षण से बढ़ रहा, महिलाओं का काज
3
अपनी-अपनी पत्नियॉं, अपनी-अपनी नाव
“प्रत्याशी-पति” लड़ रहे, फिर इस बार चुनाव
4
महिला-आरक्षण यहाँ, देखो है बेकार
पत्नी का फोटो नहीं, पति का सिर्फ प्रचार
5
पत्नी की महिमा बढ़ी, पत्नी से अब प्यार
महिला-आरक्षण जहाँ, इनसे बेड़ा पार
6
क्वारों का रुतबा घटा, बहते आँसू ढेर
पत्नी होती तो नहीं, पड़ता कोई फेर
—————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
234 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

वही पर्याप्त है
वही पर्याप्त है
Satish Srijan
मेरे भईया
मेरे भईया
Dr fauzia Naseem shad
4351.*पूर्णिका*
4351.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*श्रीराम*
*श्रीराम*
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
मुझे ‘शराफ़त’ के तराजू पर न तोला जाए
मुझे ‘शराफ़त’ के तराजू पर न तोला जाए
Keshav kishor Kumar
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना  मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
DrLakshman Jha Parimal
हिकारत जिल्लत
हिकारत जिल्लत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रिश्तों में दूरी
रिश्तों में दूरी
Rekha khichi
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*प्रणय*
एक प्रार्थना
एक प्रार्थना
Bindesh kumar jha
क्षणिका
क्षणिका
Vibha Jain
One day you will be exactly where you want to be.One day, yo
One day you will be exactly where you want to be.One day, yo
पूर्वार्थ
चुनाव आनेवाला है
चुनाव आनेवाला है
Sanjay ' शून्य'
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
Rituraj shivem verma
"हुस्न की कील"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहे
दोहे
Rambali Mishra
जाने कब पहुंचे तरक्की अब हमारे गांव में
जाने कब पहुंचे तरक्की अब हमारे गांव में
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मन क्या है मन के रहस्य: जानें इसके विभिन्न भाग। रविकेश झा
मन क्या है मन के रहस्य: जानें इसके विभिन्न भाग। रविकेश झा
Ravikesh Jha
हवन
हवन
Sudhir srivastava
मंदिर बनगो रे
मंदिर बनगो रे
Sandeep Pande
मित्र भेस में आजकल,
मित्र भेस में आजकल,
sushil sarna
करपात्री जी का श्राप...
करपात्री जी का श्राप...
मनोज कर्ण
*लोकनागरी लिपि के प्रयोगकर्ता श्री सुरेश राम भाई*
*लोकनागरी लिपि के प्रयोगकर्ता श्री सुरेश राम भाई*
Ravi Prakash
ग़ज़ल _ तुम नींद में खोये हो ।
ग़ज़ल _ तुम नींद में खोये हो ।
Neelofar Khan
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
सोने के सुन्दर आभूषण
सोने के सुन्दर आभूषण
surenderpal vaidya
उसे आज़ का अर्जुन होना चाहिए
उसे आज़ का अर्जुन होना चाहिए
Sonam Puneet Dubey
कचोट
कचोट
Dr.Archannaa Mishraa
मेरागांव अब बदलरहा है?
मेरागांव अब बदलरहा है?
पं अंजू पांडेय अश्रु
गीतासार 📕
गीतासार 📕
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...