*महिला-आरक्षण (छह दोहे)*
महिला-आरक्षण (छह दोहे)
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1
महिला-आरक्षण हुआ, महिलाओं की जीत
पत्नी के सब गा रहे, अभिनंदन में गीत
2
आज नहीं तो मत सही, कल को होगा राज
आरक्षण से बढ़ रहा, महिलाओं का काज
3
अपनी-अपनी पत्नियॉं, अपनी-अपनी नाव
“प्रत्याशी-पति” लड़ रहे, फिर इस बार चुनाव
4
महिला-आरक्षण यहाँ, देखो है बेकार
पत्नी का फोटो नहीं, पति का सिर्फ प्रचार
5
पत्नी की महिमा बढ़ी, पत्नी से अब प्यार
महिला-आरक्षण जहाँ, इनसे बेड़ा पार
6
क्वारों का रुतबा घटा, बहते आँसू ढेर
पत्नी होती तो नहीं, पड़ता कोई फेर
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451