****महात्मा गाँधी****
भारत देश मे यूँ चली थी
जब सत्याग्रह की आँधी
संत हुआ था एक महान सा
नाम था मोहनदास गाँधी
बाल्यकाल में मोहन कहलाते
चरखा , खादी उनको भाते
माता थी इक महान नारी
नाम था उनका पुतलीबाई
देश सेवा में जीवन बीता
उच्च नैतिक मूल्य थे बनाये
पिता तुल्य था ऊँचा दर्जा
तब वे राष्ट्र पिता कहलाये
धर्म,सत्य में थी अपार निष्ठा
सदगुणों से देश को जीता
परिश्रम से वे कभी न भागे
कर्म,लक्ष्य हेतु सदैव जागे
देश मे जो घुस बैठे सारे
फिरंगियों को मार भगाया
दूर हटा तब वो फिरंगी झंडा
था भारतीय ध्वज लहराया
पीछे पड़ा था इक हत्यारा
प्रार्थना सभा मे दाखिल हुये
देखता रह गया देश सारा
खूनी होली से तब घायल हुये
मुख से तो कुछ बोल न पाये
शब्द केवल इतने सुनाये
हे राम बस कहते कहते
धरती माँ की गोद मे लेटे
राष्ट्र ने एक पिता को खोया
संत महान माटी पे सोया
जब तक नभ में चाँद रहेगा
बापू गाँधी नाम रहेगा।
✍”कविता चौहान”
स्वरचित एवं मौलिक