Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2024 · 1 min read

सृजन

ग़ज़ल

मैने प्रेम-मुहब्बत,नफरत और अदावत,
की गज़ल लिखी,कुछ आशार लिखे है!
कुछ पोथी मे बंद पडे है,कुछ सराहे गए,
ऐसा कुछ जीवन का आधार लिखे है!!
मैने नशीली चितवन पर श्रंगार लिखा है,
और राष्ट्र-धर्म सबल प्रतिकार लिखे है!!
जीवन के अगणित अनुभव चित्रित कर,
नश्वर जीवन अप्रतिम अभिसार लिखे है!!
महाभारत की गाथा का निश्चल,निरुपम,
निष्कपट चितंन का कटु आधार लिखे है!!
कर्मयोग का कलियुग मे महत्व है कितना?
पर्यावरण प्रदूषण का प्रतिकार लिखे है!!
अच्छा-बुरा,नीति-नियति से प्रतिबन्धित वे,
निष्काम भाव से भक्ति बारम्बार लिखे है!!

मौलिक रचना सर्वाधिकार सुरछित
बोधिसत्व कस्तूरिया एडवोकेट,कवि,पत्रकार
202 नीरव निकुजं,सिकंदरा,आगरा-282007
मो:9412443093

Language: Hindi
19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Bodhisatva kastooriya
View all
You may also like:
माया फील गुड की [ व्यंग्य ]
माया फील गुड की [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
सृजन तेरी कवितायें
सृजन तेरी कवितायें
Satish Srijan
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक मायाजाल,समय का खेल, मन का ही कंट्र
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक मायाजाल,समय का खेल, मन का ही कंट्र
पूर्वार्थ
प्रेम 💌💌💕♥️
प्रेम 💌💌💕♥️
डॉ० रोहित कौशिक
पापा , तुम बिन जीवन रीता है
पापा , तुम बिन जीवन रीता है
Dilip Kumar
***
*** " ये दरारों पर मेरी नाव.....! " ***
VEDANTA PATEL
खोखली बातें
खोखली बातें
Dr. Narendra Valmiki
प्रेम सुधा
प्रेम सुधा
लक्ष्मी सिंह
नारी पुरुष
नारी पुरुष
Neeraj Agarwal
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
#शेर
#शेर
*प्रणय प्रभात*
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
जगदीश शर्मा सहज
"सफलता"
Dr. Kishan tandon kranti
क्या वायदे क्या इरादे ,
क्या वायदे क्या इरादे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
शिकारी संस्कृति के
शिकारी संस्कृति के
Sanjay ' शून्य'
क़यामत
क़यामत
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
Manisha Manjari
जय श्री राम
जय श्री राम
Er.Navaneet R Shandily
11. *सत्य की खोज*
11. *सत्य की खोज*
Dr Shweta sood
चलो दो हाथ एक कर ले
चलो दो हाथ एक कर ले
Sûrëkhâ
यही सच है कि हासिल ज़िंदगी का
यही सच है कि हासिल ज़िंदगी का
Neeraj Naveed
दौलत से सिर्फ
दौलत से सिर्फ"सुविधाएं"मिलती है
नेताम आर सी
जब तक लहू बहे रग- रग में
जब तक लहू बहे रग- रग में
शायर देव मेहरानियां
*गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया (हिंदी गजल)*
*गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
उम्र का एक
उम्र का एक
Santosh Shrivastava
3359.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3359.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
जन्म दायनी माँ
जन्म दायनी माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...