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21 Dec 2021 · 1 min read

महकातीं पुरानी चिट्ठियाँ (गीतिका)

महकातीं पुरानी चिट्ठियाँ (गीतिका)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
【1】
हाथ में आतीं तो महकातीं पुरानी चिट्ठियाँ
इतिहास की थाती हैं कहलातीं पुरानी चिट्ठियाँ
【2】
दौर जो गुजरा हुआ था, छूट जो पीछे गया
याद ताजा उसका करवातीं पुरानी चिट्ठियाँ
【3】
शब्द कुछ आए समझ में, शब्द कुछ आए नहीं
हस्तलेखन की कला गातीं पुरानी चिट्ठियाँ
【4】
जिनको परख है हस्तलेखों की बुनावट जानते
उनको बहुत कुछ और बतलातीं पुरानी चिट्ठियाँ
【5】
धूप को छत पर दिखाने इनको लेकर जब गया
घंटों रहीं जैसे कि बतियातीं पुरानी चिट्ठियाँ
【6】
कीमतों को कौन इनकी आँक पाया आज तक
संग्रहालय में जगह पातीं पुरानी चिट्ठियाँ
【7】
जैसे पुराने चावलों की कीमतें बढ़ती रहीं
हर रोज होती कीमती जातीं पुरानी चिट्ठियाँ
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र.) मो, 9997615451

1 Like · 1 Comment · 264 Views
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