महंदी
महंदी मेरे हाथ लगी
दिल मे लगन पिया तेरी लगी
तेरे नाम की महंदी सजी
मैं तो तेरी होने चली
महंदी मेरी देखो तो कितनी सजीली
आंखे भी प्यार के नेह से हुई मेरी गीली
अपने पिया के संग मुझे ही रहना
मेहंदी के प्यारे रंग का है ये कहना
जाकर पिया को दो सन्देशा तुझ बिन न रहना
रंग छूटे चाहे मेरी गहरी महंदी का
पर पिया का संग ना छूटे बस ये कहना
मेहंदी मेरे हाथ लगी
दिल मे लगन पिया तेरी लगी