महंगाई नही बढ़ी खर्चे बढ़ गए है
महंगाई नही बढ़ी,खर्चे बढ़ गए है।
हम अपनो से ही जुदा हो गए है।
पहले अपने घर त्यौहार मनाते थे,
अब बाहर जाकर त्यौहार मनाते है।
पहले काफी दूर तक पैदल निकल जाते थे,
अब थोड़ी दूर के लिए कैब बुक कराते है
दूरियां नही बढ़ी है मनो में फासले बढ़ गए है
महंगाई नही बढ़ी खर्चे बढ़ गए हैं।।
पहले एक जोड़ी जूते में काम चलाते थे।
अब दस जोड़ी जूते में काम नहीं चल पाता है।
पहले होली दिवाली ईद पर कपडे सिलवाते थे।
अब रोज शो रूम से ब्रांडेड कपड़े लेने जाते है।
शरीर वही है पर आज फैशन बदल गए है।
महंगाई नही बढ़ी ,खर्चे बढ़ गए है।
हम अपने से ही जुदा हो गए है।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम