-मस्तानी हवाएं –
– मस्तानी हवाएं –
चंचल कोमल शौक अदाए,
बहती धारा, ठंडी बहारे,
सुर्ख चेहरा मदमस्त निगाहे,
घायल करती चाल तुम्हारी,
कमर तेरी कटार की धार,
कर देती मुझको घायल यार,
प्यार की वो फुहार,
कर देती है कमाल,
मस्तानी हवाएं शौक अदाएं,
करती मेरा जीवन दुश्वार,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान