Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Apr 2024 · 1 min read

मसान…..

तेरी श्वासों संग जुड़ी थी मृदुता मेरी,
पर अब ये हृदय पाषाण हो चला।
दो बूँद को आकुल आँखें हुई है मेरी,
यूँ अश्रु ने बंजरता के मर्म को छुआ।
चीखों पर मौन की छाया गहराए अब मेरी,
सन्नाटों ने यूँ निरर्थक शब्दों को कहा।
श्वेत चादर में लिपट रही आशाएं अब मेरी,
जिसे भष्म करने को ये अग्नि व्याकुल सा हुआ।
बोझिल हर पग में तीव्रता सी है मेरी,
ये वियोग आया है कैसा, तू ही बता।
संवेदनों में शून्यता की गूँज है मेरी,
और कोलाहल करती बह रही ये हवा।
पीड़ा पर क्रोध का आवरण है मेरी,
यूँ मन को स्वयं के, स्वयं ही ठगा।
पथ निष्ठुर वास्तविक्ता की समक्ष है मेरी,
अपनाऊं कैसे इस तथ्य को, तू ही समझा।
मन-मस्तिष्क मे सघन स्तब्धता अब मेरी,
और ये मसान तुझे धरा में धूल बना रहा।

91 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manisha Manjari
View all
You may also like:
Love Night
Love Night
Bidyadhar Mantry
क़दमों को जिसने चलना सिखाया, उसे अग्नि जो ग्रास बना गया।
क़दमों को जिसने चलना सिखाया, उसे अग्नि जो ग्रास बना गया।
Manisha Manjari
मिरे मिसरों को ख़यालात मत समझिएगा,
मिरे मिसरों को ख़यालात मत समझिएगा,
Shwet Kumar Sinha
साँझ ढली पंछी चले,
साँझ ढली पंछी चले,
sushil sarna
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
" वक्त "
Dr. Kishan tandon kranti
*मरने से क्यों डरते हो तुम, यह तन नश्वर है माया है (राधेश्या
*मरने से क्यों डरते हो तुम, यह तन नश्वर है माया है (राधेश्या
Ravi Prakash
फासलों से
फासलों से
Dr fauzia Naseem shad
बात क्या है कुछ बताओ।
बात क्या है कुछ बताओ।
सत्य कुमार प्रेमी
वृक्षों के उपकार....
वृक्षों के उपकार....
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुझको इंतजार है उसका
मुझको इंतजार है उसका
gurudeenverma198
#गणितीय प्रेम
#गणितीय प्रेम
हरवंश हृदय
😢महामूर्खता😢
😢महामूर्खता😢
*प्रणय*
*ਮਾੜੀ ਹੁੰਦੀ ਨੀ ਸ਼ਰਾਬ*
*ਮਾੜੀ ਹੁੰਦੀ ਨੀ ਸ਼ਰਾਬ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
2764. *पूर्णिका*
2764. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अब चिंतित मन से  उबरना सीखिए।
अब चिंतित मन से उबरना सीखिए।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
"UG की महिमा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बदलाव
बदलाव
Dr. Rajeev Jain
गजल ए महक
गजल ए महक
Dr Mukesh 'Aseemit'
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
Buddha Prakash
वन्दे मातरम वन्दे मातरम
वन्दे मातरम वन्दे मातरम
Swami Ganganiya
जो लिख रहे हैं वो एक मज़बूत समाज दे सकते हैं और
जो लिख रहे हैं वो एक मज़बूत समाज दे सकते हैं और
Sonam Puneet Dubey
We Mature With
We Mature With
पूर्वार्थ
सरस्वती वंदना-4
सरस्वती वंदना-4
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बस अणु भर मैं बस एक अणु भर
बस अणु भर मैं बस एक अणु भर
Atul "Krishn"
बेहद मामूली सा
बेहद मामूली सा
हिमांशु Kulshrestha
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
Mahender Singh
उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर
उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
अर्ज किया है जनाब
अर्ज किया है जनाब
शेखर सिंह
Loading...