Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2019 · 1 min read

ममता माता की स्तुति –आर के रस्तोगी

जय जय ममता भवानी
तुम नेताओ की है नानी
कमिश्नर को तुमने बचाया
सी बी आई को मार भगाया
सब नेताओ को तुमने बुलाया
महागठबंधन तुमने ही बनाया
तुम काहू से न है डरती
माया तुम्हारे आगे पानी भरती

मोदी को भी है तुमने डराया
अभी तक रैली करने न आया
अमित शाह भी तुम से डरते
भले ही बड़ी हुंकार है भरते
योगी को भी खूब सताया
उसका हेलीकाप्टर उतर न पाया
तुम्हारी आज्ञा बिन कोई न आ सकता
भले ही हो उसका बडो बडो से नाता

जब तुम धरने पे बैठ जाती
सारी दुनिया तुम से डर जाती
करी है तुमने दिल्ली की तैयारी
अब होगी वहाँ मारा-मारी
तुम पी एम बनना है चाहती
अपने रास्ते से सबको हटाती
जो तुम्हारे रास्ते में आयेगा
मुहँ की वह अब खायेगा

तुम कलकत्ते की काली मैया
तुमने बनाया नहीं कोई सैया
तुमने हमेशा सफेद साडी पहनी
जीवन में कितनी दी है कुर्बानी
तुम हो अपनी जिद्द की पक्की
महागठबंधन की नीव है रक्खी
शत्रुघन को भी मित्र बनाया
वह तो बिन बुलाये है आया
सिन्हा जी क्यों नहीं आते
वह तो तुम्हे हमेशा भाते

राज्य में अराजकता फैलाई
दुखी है हिन्दू सिख इसाई
तुमने मुसलमानों को पाला
गले में उनकी माला डाला
चुनाव की ये सब तैयारी
कब तक चलेगी मारा मरी
बंद करो अब ये नाटक माते
तुमको अब हम पी एम बनाते

आर के रस्तोगी

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 354 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
एक सरकारी सेवक की बेमिसाल कर्मठता / MUSAFIR BAITHA
एक सरकारी सेवक की बेमिसाल कर्मठता / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
वो बदल रहे हैं।
वो बदल रहे हैं।
Taj Mohammad
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सबला
सबला
Rajesh
इतना कभी ना खींचिए कि
इतना कभी ना खींचिए कि
Paras Nath Jha
लोकतंत्र
लोकतंत्र
Sandeep Pande
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
sushil sarna
💐प्रेम कौतुक-270💐
💐प्रेम कौतुक-270💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
चलिए खूब कमाइए, जिनके बच्चे एक ( कुंडलिया )
चलिए खूब कमाइए, जिनके बच्चे एक ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
बहुत-सी प्रेम कहानियाँ
बहुत-सी प्रेम कहानियाँ
पूर्वार्थ
वर्षा रानी⛈️
वर्षा रानी⛈️
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
VINOD CHAUHAN
लगता है आवारगी जाने लगी है अब,
लगता है आवारगी जाने लगी है अब,
Deepesh सहल
प्रेमी ने प्रेम में हमेशा अपना घर और समाज को चुना हैं
प्रेमी ने प्रेम में हमेशा अपना घर और समाज को चुना हैं
शेखर सिंह
"सियासत में"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे अल्फ़ाज़ मायने रखते
मेरे अल्फ़ाज़ मायने रखते
Dr fauzia Naseem shad
लिखते हैं कई बार
लिखते हैं कई बार
Shweta Soni
*
*"ममता"* पार्ट-3
Radhakishan R. Mundhra
सच बोलने की हिम्मत
सच बोलने की हिम्मत
Shekhar Chandra Mitra
3034.*पूर्णिका*
3034.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
!! पलकें भीगो रहा हूँ !!
!! पलकें भीगो रहा हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
किया आप Tea लवर हो?
किया आप Tea लवर हो?
Urmil Suman(श्री)
रक्षाबंधन (कुंडलिया)
रक्षाबंधन (कुंडलिया)
दुष्यन्त 'बाबा'
Meri najar se khud ko
Meri najar se khud ko
Sakshi Tripathi
अकेलापन
अकेलापन
भरत कुमार सोलंकी
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
दिल का भी क्या कसूर है
दिल का भी क्या कसूर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
कवि दीपक बवेजा
राधा अष्टमी पर कविता
राधा अष्टमी पर कविता
कार्तिक नितिन शर्मा
Loading...