-- आधे की हकदार पत्नी --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
जलियांवाला बाग की घटना, दहला देने वाली थी
ਦਿਲ ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਤੇ ਫਿਰ ਦੇ ਰਿਹਾ ਦਸਤਕ ਕੋਈ ।
*साबुन से धोकर यद्यपि तुम, मुखड़े को चमकाओगे (हिंदी गजल)*
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल? -रमेशराज
आपकी खुशहाली और अच्छे हालात
मुझे भी आकाश में उड़ने को मिले पर
असली दर्द का एहसास तब होता है जब अपनी हड्डियों में दर्द होता
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
हम शरीर हैं, ब्रह्म अंदर है और माया बाहर। मन शरीर को संचालित
सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान।