Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2018 · 1 min read

ममता करुणा नयन में,

ममता करुणा नयन में, उर में दया समाय ।
जननी तो पल में हरै, जो जीवन दुख आय ।।
जो जीवन दुख आय, गाय लोरी लै अंकन ।
शिशु वत्सल कहलाय, नेह का अद्भुत बंधन ।।
कह दीपक कविराय, बखानी जाय न समता ।
सब जग बरसै नेह, धरा पर पावन ममता ।।

दीपक चौबे ‘अंजान’

468 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कैसी यह मुहब्बत है
कैसी यह मुहब्बत है
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
.........
.........
शेखर सिंह
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
माना कि हम बेवफा हैं, 2 पर ए मेरे यार तुम तो बेवफा ना थे।
माना कि हम बेवफा हैं, 2 पर ए मेरे यार तुम तो बेवफा ना थे।
Annu Gurjar
AE888 - Nhà Cái Nổi Bật Với Hệ Thống Nạp/Rút Linh Hoạt, Hệ T
AE888 - Nhà Cái Nổi Bật Với Hệ Thống Nạp/Rút Linh Hoạt, Hệ T
AE888
अवधपुरी की पावन रज में मेरे राम समाएं
अवधपुरी की पावन रज में मेरे राम समाएं
Anamika Tiwari 'annpurna '
आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति
आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति
©️ दामिनी नारायण सिंह
मुस्कानों की बागानों में
मुस्कानों की बागानों में
sushil sarna
19)”माघी त्योहार”
19)”माघी त्योहार”
Sapna Arora
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
2822. *पूर्णिका*
2822. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सैनिक का सावन
सैनिक का सावन
Dr.Pratibha Prakash
मुझसे   मेरा   ही   पता   पूछते   हो।
मुझसे मेरा ही पता पूछते हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
खुशियों की सौगात
खुशियों की सौगात
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*
*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*
Ravi Prakash
सोच
सोच
Dinesh Kumar Gangwar
Khám phá thế giới cá cược tại 88BET club qua link 188BET 203
Khám phá thế giới cá cược tại 88BET club qua link 188BET 203
188BET 203.4
!! मैं कातिल नहीं हूं। !!
!! मैं कातिल नहीं हूं। !!
जय लगन कुमार हैप्पी
Red Hot Line
Red Hot Line
Poonam Matia
दबे पाँव
दबे पाँव
Davina Amar Thakral
इंसान का कोई दोष नही जो भी दोष है उसकी सोच का है वो अपने मन
इंसान का कोई दोष नही जो भी दोष है उसकी सोच का है वो अपने मन
Rj Anand Prajapati
"धरती गोल है"
Dr. Kishan tandon kranti
दुःख पहाड़ जैसे हों
दुःख पहाड़ जैसे हों
Sonam Puneet Dubey
विजय या मन की हार
विजय या मन की हार
Satish Srijan
Now we have to introspect how expensive it was to change the
Now we have to introspect how expensive it was to change the
DrLakshman Jha Parimal
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक महीने में शुक्ल पक्ष की
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक महीने में शुक्ल पक्ष की
Shashi kala vyas
सृष्टि की अभिदृष्टि कैसी?
सृष्टि की अभिदृष्टि कैसी?
AJAY AMITABH SUMAN
मुझसा फ़कीर कोई ना हुआ,
मुझसा फ़कीर कोई ना हुआ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
Loading...