मन
#मन
१.विचलित है मन
तेज़ है धड़कन
सूनी डगर
जीवन की अगर मगर
अनिश्चित काल
हर पल एक सवाल
समय से हारना
या जीत की सम्भावना
मन ही शक्की है
वरना जीत तो पक्की है
२.मन के जीते जीत है
मन के हारे हार
जिसने यह समझ लिया
कर लेगा भवसागर पार
३.मन मालिक दिमाग़ ग़ुलाम
बंदे को नचाता सरे आम
जो मन पर कस ली लगाम
हासिल होंगे सारे मुक़ाम
४.मेरे मन के दर्पण में
तेरी छवि आँक सकूँ
आँखों से दूर फिर भी
मैं तुझको निहार सकूँ
रेखा