मन राम हो जाना ( 2 of 25 )
मन राम हो जाना
दर्द हो या दुख को भी
सहज हो अपनाना
प्यारे मन अब तू भी
राम हो जाना ….
सदियों से होता आया
हैं मुश्किल बच पाना
कोई बिछड़े और तू तड़पे
मन राम हो जाना …
कुर्बां करके सिंहासन
संघर्ष पड़े अपनाना
तत् क्षण राजी हो जाना
मन राम हो जाना …
माता – पिता के शब्द
वचन समझ निभाना
हो मुश्किल कदम बढ़ाना
मन राम हो जाना …
कड़वाहट हो कितनी भी
मीठा सा मुस्काना
दिलों का राजा बनना
मन राम हो जाना …
शब्द दुआ से हों
स्पर्श हो मरहम जैसा
शबरी मिले अहिल्या
मन राम हो जाना …
स्वर्ण मृगों के पीछे
खुद को ना बहकाना
हर लोभ मोह के आगे
मन राम हो जाना …
रथ के बिना मनोरथ से
विश्व विजय पाना
निहत्ते पडे लड़ जाना
मन राम हो जाना …
हर एक रावण को
बहुत पड़े पछताना
प्रेम की शक्ति जगाना
मन राम हो जाना …
मालुम है आसान नहीं
ऐसा हो पाना लेकिन
यही रह गयी इच्छा
मन राम हो जाना …
– क्षमा ऊर्मिला