मन पुलक-पुलक हुआ
मन ने जब उसके मन को छुआ ,
मन पुलकित प्रमुदित आज हुआ ,
मन अभी तलक जो कह न सका ,
मन विरह ज्वाल जो सह न सका ,
अन्तर्मन की वह आवृत्त पीर
साहस संचित कर मन ने कहा ,
मन ने फिर उसके मन को छुआ ,
मन पुलकित प्रमुदित आज हुआ ।
मन ने जब उसके मन को छुआ ,
मन पुलकित प्रमुदित आज हुआ ,
मन अभी तलक जो कह न सका ,
मन विरह ज्वाल जो सह न सका ,
अन्तर्मन की वह आवृत्त पीर
साहस संचित कर मन ने कहा ,
मन ने फिर उसके मन को छुआ ,
मन पुलकित प्रमुदित आज हुआ ।