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8 Jun 2021 · 1 min read

मन के भाव

शीर्षक:मन के भाव

मैं कलमकार लिख देती हूँ
मन के सारे भाव कागज पर
मेरे शब्दों में सब रंगो की झलक होती हैं
वैसे ही जैसे आसमान में तारों की झलक होती हैं
अपने शब्दों से रंग भरती हूँ
और आकार तक का अहसास हो जाता है
शब्दो मे प्रेम लिखती हूँ
नीले आकाश की तस्वीर शब्दो से झलकाती हूँ
शब्दो से अल्हद सा सुर बिखेरती हूँ
आकाश में पहुंच चाँद तारो की बात लिखती हूँ
नीले नीले बादलों का प्यार लिखती हूँ
आओ मेरे साथ आज दुखद अहसास तुम्हे कराती हूँ
आओ आसमान में पहुंच चाँद से बात कराती हूँ
घुमड़ रहे बादलों की छवि निराली सी
आओ लेखनी से उसमें भी चारचांद लगातीं हूँ
अपने अहसासों की बात लिखती हूँ
तभी तो कहती हूँ कि मैं आसमान से बात करती हूँ
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद
घोषणा:स्वरचित

Language: Hindi
1 Like · 575 Views
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