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2 Dec 2018 · 1 min read

मन की उड़ान

अभी तो चलना शुरु किया है,
जहन मे ढलना शुरू किया है।
मन तो है,आसमां तक जाउ,
छुकर गगन, धरा पर आऊ।

नभचर बन मैं, थिरकू गगन मे,
ख्वाहिश हैं ये,चंंचल चित्तमन मे।
हाल ए दिल ,मै तुमको सुनाउ,
लिखते लिखते…..कलम बन जाउ।।।

“रेखा” (Line_Lotus)

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 441 Views
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