Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2023 · 1 min read

कहनी चाही कभी जो दिल की बात…

कहनी चाही कभी जो दिल की बात,
कभी भी हम कह न सके,
करनी चाही जो तुमसे मुलाकात,
कभी भी हम कर न सके…

तेरी यादों में हरपल तड़पते रहे,
आहें भर-भर के करवट बदलते रहे,
यूं ही बीत गई सारी-सारी रात,
कभी भी हम सो न सके,
कहनी चाही कभी जो दिल की बात,
कभी भी हम कह न सके…

काहे बेदर्दी मुझसे जुदा हो गया,
मेरी आंखों से निंदिया चुरा ले गया,
ग़म की मिलने लगी रे सौगात,
कभी भी खुश रह न सके,
कहनी चाही कभी जो दिल की बात,
कभी भी हम कह न सके…

सारा जीवन में तुझपे ही ‘अर्पन’ करूं,
‘आठों यामों’ में तेरी ही ‘पूजा’ करूं,
अश्क झिलमिल करें रे दिन-रात,
कभी भी हम हंस ना सके,
कहनी चाही कभी जो दिल की बात,
कभी भी हम कह न सके…

-✍️ सुनील सुमन

161 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
నా గ్రామం..
నా గ్రామం..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
या तो लाल होगा या उजले में लपेटे जाओगे
या तो लाल होगा या उजले में लपेटे जाओगे
Keshav kishor Kumar
करूण संवेदना
करूण संवेदना
Ritu Asooja
बन्दिगी
बन्दिगी
Monika Verma
जिंदगी भी फूलों की तरह हैं।
जिंदगी भी फूलों की तरह हैं।
Neeraj Agarwal
💐प्रेम कौतुक-284💐
💐प्रेम कौतुक-284💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*सत्य की खोज*
*सत्य की खोज*
Dr Shweta sood
इसकी औक़ात
इसकी औक़ात
Dr fauzia Naseem shad
सुनो सुनाऊॅ॑ अनसुनी कहानी
सुनो सुनाऊॅ॑ अनसुनी कहानी
VINOD CHAUHAN
पग न अब पीछे मुड़ेंगे...
पग न अब पीछे मुड़ेंगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
खोल नैन द्वार माँ।
खोल नैन द्वार माँ।
लक्ष्मी सिंह
तुम ही मेरी जाँ हो
तुम ही मेरी जाँ हो
SURYA PRAKASH SHARMA
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
बमुश्किल से मुश्किल तक पहुँची
बमुश्किल से मुश्किल तक पहुँची
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हवाओं ने बड़ी तैय्यारी की है
हवाओं ने बड़ी तैय्यारी की है
Shweta Soni
चेहरे का यह सबसे सुन्दर  लिबास  है
चेहरे का यह सबसे सुन्दर लिबास है
Anil Mishra Prahari
बाबा नीब करौरी
बाबा नीब करौरी
Pravesh Shinde
आधा - आधा
आधा - आधा
Shaily
जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती
जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती
Dheerja Sharma
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
सुलगते एहसास
सुलगते एहसास
Surinder blackpen
मानव हमारी आगोश में ही पलते हैं,
मानव हमारी आगोश में ही पलते हैं,
Ashok Sharma
ସେହି ଫୁଲ ଠାରୁ ଅଧିକ
ସେହି ଫୁଲ ଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
सामाजिक न्याय
सामाजिक न्याय
Shekhar Chandra Mitra
3147.*पूर्णिका*
3147.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ मंगलकामनाएं
■ मंगलकामनाएं
*Author प्रणय प्रभात*
*श्री राजेंद्र कुमार शर्मा का निधन : एक युग का अवसान*
*श्री राजेंद्र कुमार शर्मा का निधन : एक युग का अवसान*
Ravi Prakash
"स्वार्थी रिश्ते"
Ekta chitrangini
संत गोस्वामी तुलसीदास
संत गोस्वामी तुलसीदास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अद्यावधि शिक्षा मां अनन्तपर्यन्तं नयति।
अद्यावधि शिक्षा मां अनन्तपर्यन्तं नयति।
शक्ति राव मणि
Loading...