Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2024 · 1 min read

“मन की बात”

“मन की बात”
सबकी अपनी-अपनी मजबूरी,
कभी मन की बात न होती पूरी।
चींटी सोचती काश हाथी होती,
जंगल-जंगल घूमकर मजा लेती।

2 Likes · 2 Comments · 20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
सफर ये मुश्किल बहुत है, मानता हूँ, इसकी हद को भी मैं अच्छे स
सफर ये मुश्किल बहुत है, मानता हूँ, इसकी हद को भी मैं अच्छे स
पूर्वार्थ
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
*रामपुर से प्रकाशित हिंदी साप्ताहिक पत्रों से मेरा संबंध*
*रामपुर से प्रकाशित हिंदी साप्ताहिक पत्रों से मेरा संबंध*
Ravi Prakash
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
Bodhisatva kastooriya
मन का मैल नहीं धुले
मन का मैल नहीं धुले
Paras Nath Jha
आज आंखों में
आज आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
नेता जी
नेता जी "गीतिका"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
"" वार दूँ कुछ नेह तुम पर "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
The Unseen Dawn: A Tribute to Subhas Chandra Bose
The Unseen Dawn: A Tribute to Subhas Chandra Bose
Mahesh Ojha
मैं भी कोई प्रीत करूँ....!
मैं भी कोई प्रीत करूँ....!
singh kunwar sarvendra vikram
हम अपने जन्मदिन ,सालगिरह और शुभ अवसर का प्रदर्शन कर देते हैं
हम अपने जन्मदिन ,सालगिरह और शुभ अवसर का प्रदर्शन कर देते हैं
DrLakshman Jha Parimal
..कदम आगे बढ़ाने की कोशिश करता हू...*
..कदम आगे बढ़ाने की कोशिश करता हू...*
Naushaba Suriya
प्रीत ऐसी जुड़ी की
प्रीत ऐसी जुड़ी की
Seema gupta,Alwar
"समय प्रबन्धन"
Dr. Kishan tandon kranti
लेशमात्र भी शर्म का,
लेशमात्र भी शर्म का,
sushil sarna
विचार
विचार
Godambari Negi
आप जरा सा समझिए साहब
आप जरा सा समझिए साहब
शेखर सिंह
■ 5 साल में 1 बार पधारो बस।।
■ 5 साल में 1 बार पधारो बस।।
*प्रणय प्रभात*
खुद को जानने में और दूसरों को समझने में मेरी खूबसूरत जीवन मे
खुद को जानने में और दूसरों को समझने में मेरी खूबसूरत जीवन मे
Ranjeet kumar patre
चाँद और इन्सान
चाँद और इन्सान
Kanchan Khanna
मुहब्बत की दुकान
मुहब्बत की दुकान
Shekhar Chandra Mitra
टिप्पणी
टिप्पणी
Adha Deshwal
सुनहरी उम्मीद
सुनहरी उम्मीद
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
* जिन्दगी *
* जिन्दगी *
surenderpal vaidya
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
gurudeenverma198
यादो की चिलमन
यादो की चिलमन
Sandeep Pande
"साधक के गुण"
Yogendra Chaturwedi
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
Anis Shah
3772.💐 *पूर्णिका* 💐
3772.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
घाव
घाव
अखिलेश 'अखिल'
Loading...