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7 Sep 2024 · 1 min read

“मन की बात”

“मन की बात”
सबकी अपनी-अपनी मजबूरी,
कभी मन की बात न होती पूरी।
चींटी सोचती काश हाथी होती,
जंगल-जंगल घूमकर मजा लेती।

2 Likes · 2 Comments · 38 Views
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