मन की बरसात
मन भर की बरसात हुई है
टुकड़े टुकड़े रात कटी है |
धीरे धीरे चली हवाएं ,
अपने रंग में रंगी हवाएं ,
भीनी खुशबू से लिपटी ,
ईश्वर की खैरात बटी है |
टुकड़े टुकड़े रात कटी है ||
फूट फूट के बरसा पानी
गौरैया की अजब कहानी
कूदे फुदके घर आँगन में
उलझे मन की गाँठ कटी है |
टुकड़े टुकड़े रात कटी है ||