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10 Jun 2023 · 1 min read

मन की चोट

लगी चोट है मन पर मेरे
कैसे दिखलाऊं घाव ये गहरे
दर्द बांट ले ऐसा साथी
साथ नही है कोई मेरे

कलम थाम लूं, लिखूं मैं खुद पर
या फिल्म बनाऊं निज जीवन पर
मन की खामोशी कोई हर ले मेरी
ला दे मुस्कान इस मौन अधर पर

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