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4 Dec 2023 · 1 min read

गीतिका

मोम-सा पिघला गए।
छू बदन शरमा गए।1

हो गया जीवन हरा,
जब जलद से छा गए।2

बात कर वे रूप की,
गीत प्यारा गा गए।3

बन भ्रमर मधु को चखा,
पुष्प को भरमा गए।4

चल दिए वे फेर नज़रें,
रूप को तड़पा गए।5

देश को धनवान ही,
लूटकर हैं खा गए ।6

ध्वज नहीं झुकने दिया,
ओढ़ घर वे आ गए।7
डाॅ बिपिन पाण्डेय

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 99 Views
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