मन और प्रेम
मन करता है तुझे किताब की तरह अपने सिरहाने रख लू ,…. जब इच्छा हो तुझे छूकर महसूस कर लिया…..जब मर्ज़ी हो दुनिया से छुपा कही सहेज के रख लिया…… मन करता है तुझे तेरी तिजोरी की चाबी बना लू की तेरी साडी के पल्लू से अलग होने ही ना दू….. तो कभी कभी मन करता है की तुझे कीमती ज़ेवर बना अपने तन से लगा कर रखु….. की दूर से देखने की इजाजत तो हो सभी को बस छूने का हक़ मैं किसी को ना दू….. बहुत छोटे-छोटे अरमान है मन में मेरे जिसे मैं तेरे साथ पूरा करना चाहता हूँ…. मैं जानता हूं तू मेरे आस-पास होती है तब मैं खुद को संपूर्ण समझता हूं, तेरे ना होते ही निराशा और अवसाद के काले बादल मुझे आ घेरते हैं….. नहीं चाहिए मुझे कोई भी कीमती जेवर, ना ही सात जन्मों का बंधन चाहिए, बस तू वादा कर की कुछ भी हो जाए इस जन्म तू साथ रहेगा हर पल हर दम
#Feelings❤️✨