Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Apr 2024 · 1 min read

“मन्नत”

“मन्नत”
मेरी मन्नत नहीं
कि कोई जन्नत मिले
मुझे फिक्र नहीं
अगर तेरा साथ हो
चाहे धूप हो या बरसात हो
मगर सदा एक विश्वास हो।

3 Likes · 4 Comments · 128 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
*हो न लोकतंत्र की हार*
*हो न लोकतंत्र की हार*
Poonam Matia
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मुझे किसी को रंग लगाने की जरूरत नहीं
मुझे किसी को रंग लगाने की जरूरत नहीं
Ranjeet kumar patre
कभी उन बहनों को ना सताना जिनके माँ पिता साथ छोड़ गये हो।
कभी उन बहनों को ना सताना जिनके माँ पिता साथ छोड़ गये हो।
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
अति मंद मंद , शीतल बयार।
अति मंद मंद , शीतल बयार।
Kuldeep mishra (KD)
हम  बुज़ुर्गों  पर दुआओं के सिवा कुछ भी नहीं
हम बुज़ुर्गों पर दुआओं के सिवा कुछ भी नहीं
पूर्वार्थ
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
पहचाना सा एक चेहरा
पहचाना सा एक चेहरा
Aman Sinha
"पैसा"
Dr. Kishan tandon kranti
होली
होली
नूरफातिमा खातून नूरी
4285.💐 *पूर्णिका* 💐
4285.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
कवि दीपक बवेजा
करते हैं संघर्ष सभी, आठों प्रहर ललाम।
करते हैं संघर्ष सभी, आठों प्रहर ललाम।
Suryakant Dwivedi
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
Monika Verma
ये नयी सभ्यता हमारी है
ये नयी सभ्यता हमारी है
Shweta Soni
"राबता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
आपके छोटे-छोटे मीठे आचार-व्यवहार,
आपके छोटे-छोटे मीठे आचार-व्यवहार,
Ajit Kumar "Karn"
*जो लूॅं हर सॉंस उसका स्वर, अयोध्या धाम बन जाए (मुक्तक)*
*जो लूॅं हर सॉंस उसका स्वर, अयोध्या धाम बन जाए (मुक्तक)*
Ravi Prakash
कोई तुम्हें टूट के चाहे तो क्या कीजिए,
कोई तुम्हें टूट के चाहे तो क्या कीजिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम मोहब्बत की निशानियाँ छोड़ जाएंगे
हम मोहब्बत की निशानियाँ छोड़ जाएंगे
Dr Tabassum Jahan
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
शेखर सिंह
नारी के हर रूप को
नारी के हर रूप को
Dr fauzia Naseem shad
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शायद ...
शायद ...
हिमांशु Kulshrestha
फूल खिले हैं डाली-डाली,
फूल खिले हैं डाली-डाली,
Vedha Singh
मिटेगी नहीं
मिटेगी नहीं
surenderpal vaidya
।।
।।
*प्रणय*
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
जिस प्रकार लोहे को सांचे में ढालने पर उसका  आकार बदल  जाता ह
जिस प्रकार लोहे को सांचे में ढालने पर उसका आकार बदल जाता ह
Jitendra kumar
हीरा जनम गंवाएगा
हीरा जनम गंवाएगा
Shekhar Chandra Mitra
Loading...