मनाना भी नही आया (विधाता छंद मुक्तक )
मनाना भी नही आया ,सताना भी नही आया |
मुझे उनसे मुहब्बत है, जताना भी नही आया |
दिवाना हो गया हूँ मै, अदाओं का वफाओं का |
बहुत कीं कोशिशे लेकिन, बताना भी नहीं आया ||
रमेश शर्मा
मनाना भी नही आया ,सताना भी नही आया |
मुझे उनसे मुहब्बत है, जताना भी नही आया |
दिवाना हो गया हूँ मै, अदाओं का वफाओं का |
बहुत कीं कोशिशे लेकिन, बताना भी नहीं आया ||
रमेश शर्मा