मनबंजारा
मनबंजारा
मन बावरा दिन- रैन फिरे,
न सूझे कहीं किनारा।
मीत- गीत को पल-पल ढूंढे,
बन गली – गली बंजारा ।
धरती, अंबर, पाताल ढूंढे,
ढूंढा ब्रह्मांड सारा ।
सप्तसिंधु टटोल देखा,
दसों दिशाएं ढूंढ के हारा।
पवन पंख सवार हो,
देखा अंतरिक्ष सारा।
आकाश गंगाएं जोह डाली,
देखा सूर्य चंद्र तारा।
मूंद नैन पटल भीतर झांका,
आश्चर्य न रहा हमारा।
जिसको ढूंढा जीवन भर,
वह भीतर छुपा बैठा बेचारा।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश