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14 May 2023 · 1 min read

मत सुनाना मन की बात

गौर जरा सा कीजिए,
बिगड़ रहे हालात ।
कलयुग में भाता नहीं,
अब कहना सच्ची बात ।।

मुख खोलो जरा सोच के,
दो शब्दों को तौल ।
बिन माँगे जो सीख दे उनकी,
उड़ाते लोग मखौल ।।

तुम हो सच्चे आदमी,
कुछ नहीं तुमको ज्ञात ।
बस मतलब की दोस्ती,
मिलती हैं फिर लात ।।

सभी को दिया तुमने,
सदा मान सम्मान ।
पर रखा किसने आपका,
बताओ यहाँ पर ध्यान ।।

परिवार को सुख दे दिया,
खुद झेले दुःख अपार ।
जीत सभी ने बाँट लिया,
किसने बाँटी हार ।।

मैं करता नहीं आलोचना,
कहता हूँ सच्ची बात ।
साथ देगा कोई नहीं,
जब होगी गम की रात ।।

ऐसा लगता है हमें,
बदलेंगे नहीं हालात ।
बस हाथ मिलाने तक ही वो,
पूछते नहीं हैं जात ।।

कभी मत सुनाना तुम,
अपने मन की बात ।
बस राज जानने के लिए यहाँ,
होगी प्यार से बात ।।

कवि – मनमोहन कृष्ण

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 204 Views
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