Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2018 · 1 min read

मत कर ग़ुरूर प्यारे …..

वहृ:-
अरकान:- मस़तफ़इलुन फ़ऊलुन x2
2212 122 2212 122
मत फ़िक्र कर ए सजनी साजन तुझे मिलेगा।
गर चोंच दी है रब़ ने भोजन तुझे मिलेगा।।

अब आब़रू तेरी है तेरे ही हाथ सीते।
सीमा जो पार की तो रावण तुझे मिलेगा।।

मत ढूँढ यूँ तू रब़ को पत्थर की इन सिलो में।
हर दिल में वास जिसका भगवन तुझे मिलेगा।।

मत कर ग़ुरूर प्यारे किस चीज़ का गुमा है।
करले दया धर्म तूँ जन-धन तुझे मिलेगा।।

मत ज्ञान बाँट बन्दे उद्धव भी हार माने।
कर प्यार गोपियों सा मोहन तुझे मिलेगा।।

क्यों ‘कल्प’ खोजते हो खुशियां इधर उधर तुम।
दुखियों के कष्ट हर चितरंजन तुझे मिलेगा।।
✍?अरविंद राजपूत ‘कल्प’

236 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*चित्र में मुस्कान-नकली, प्यार जाना चाहिए 【हिंदी गजल/ गीतिका
*चित्र में मुस्कान-नकली, प्यार जाना चाहिए 【हिंदी गजल/ गीतिका
Ravi Prakash
*मैं वर्तमान की नारी हूं।*
*मैं वर्तमान की नारी हूं।*
Dushyant Kumar
वृद्धाश्रम में कुत्ता / by AFROZ ALAM
वृद्धाश्रम में कुत्ता / by AFROZ ALAM
Dr MusafiR BaithA
जीवन पथ एक नैय्या है,
जीवन पथ एक नैय्या है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
"तुम्हारी गली से होकर जब गुजरता हूं,
Aman Kumar Holy
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
Anand Kumar
फेसबूक में  लेख ,कविता ,कहानियाँ और संस्मरण संक्षिप्त ,सरल औ
फेसबूक में लेख ,कविता ,कहानियाँ और संस्मरण संक्षिप्त ,सरल औ
DrLakshman Jha Parimal
क्या मथुरा क्या काशी जब मन में हो उदासी ?
क्या मथुरा क्या काशी जब मन में हो उदासी ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अपराह्न का अंशुमान
अपराह्न का अंशुमान
Satish Srijan
क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
Shakil Alam
■ याद रहे...
■ याद रहे...
*प्रणय प्रभात*
जीवन और रंग
जीवन और रंग
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
चाय-दोस्ती - कविता
चाय-दोस्ती - कविता
Kanchan Khanna
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
जगदीश शर्मा सहज
एक ऐसा दोस्त
एक ऐसा दोस्त
Vandna Thakur
होलिका दहन
होलिका दहन
Bodhisatva kastooriya
জীবন চলচ্চিত্রের একটি খালি রিল, যেখানে আমরা আমাদের ইচ্ছামত গ
জীবন চলচ্চিত্রের একটি খালি রিল, যেখানে আমরা আমাদের ইচ্ছামত গ
Sakhawat Jisan
"आशा" की कुण्डलियाँ"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*......इम्तहान बाकी है.....*
*......इम्तहान बाकी है.....*
Naushaba Suriya
अहं प्रत्येक क्षण स्वयं की पुष्टि चाहता है, नाम, रूप, स्थान
अहं प्रत्येक क्षण स्वयं की पुष्टि चाहता है, नाम, रूप, स्थान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
इंसान को इंसान से दुर करनेवाला केवल दो चीज ही है पहला नाम मे
इंसान को इंसान से दुर करनेवाला केवल दो चीज ही है पहला नाम मे
Dr. Man Mohan Krishna
"हॉकी के जादूगर"
Dr. Kishan tandon kranti
पाँव पर जो पाँव रख...
पाँव पर जो पाँव रख...
डॉ.सीमा अग्रवाल
राख देख  शमशान  में, मनवा  करे सवाल।
राख देख शमशान में, मनवा करे सवाल।
गुमनाम 'बाबा'
आंख में बेबस आंसू
आंख में बेबस आंसू
Dr. Rajeev Jain
हौसला
हौसला
Shyam Sundar Subramanian
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
sushil sarna
****अपने स्वास्थ्य से प्यार करें ****
****अपने स्वास्थ्य से प्यार करें ****
Kavita Chouhan
मनुष्य का उद्देश्य केवल मृत्यु होती हैं
मनुष्य का उद्देश्य केवल मृत्यु होती हैं
शक्ति राव मणि
Loading...