भैया दूज (कुछ दोहे)
भैया दूज (कुछ दोहे)
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(1)
जग में भैया दूज सा , कहाँ और त्यौहार
बहनें टीका कर रहीं, खुशियाँ लिए अपार
(2)
भाई के टीका किया ,अद्भुत देखो प्यार
युग- युग तक चलता रहे, ऐसे ही संसार
(3)
बिना बुआ पूरा कहाँ, होता है परिवार
सद्भावों की बह रही , मैके तक रसधार
(4)
सजी-धजी लो आ गईं., बहनें ले उपहार
भाई के टीका किया ,अविरल देखो प्यार
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451