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6 Aug 2017 · 1 min read

भैया आतीं याद पुरानी वो बातें

भैया आती याद पुरानी वो बातें
बचपन में करते थे बड़ी खुराफातें

झगड़े कितने होते रोज हमारे थे
मगर अलग रहकर भी नहीं गुजारे थे
प्यारे बड़े रूठने और मनाने थे
बचपन के दिन सच में बहुत सुहाने थे
अब तो हो भी पाती नहीं मुलाकातें
भैया आती याद पुरानी वो बातें

राखी पर क्या धूम धड़ाका मचता था
नेग मुझे कुछ देना तुम्हें अखरता था
पहले मैं लड़ लड़ कर पैसे लेती थी
उपहार मगर लाकर तुमको ही देती थी
थी कितनी अनमोल हमारी सौगातें
भैया आती याद पुरानी वो बातें

नई नई कागज़ की नाव बनाते थे
भीग भीग कर आँगन में तैराते थे
मम्मी के कदमों की आहट पाते थे
झट दरवाजे के पीछे छुप जाते थे
ढूँढे अब भी आँखें वो ही बरसातें
भैया आती याद पुरानी वो बातें

खुद तो मुझ पर कितना रोब जमाते थे
मेरी खातिर पर सबसे लड़ जाते थे
देर रात तक जब हम दोनों पढ़ते थे
भूख लगे तो पाक कला भी करते थे
जाग जाग यूँ काटी हैं कितनी रातें
भैया आती याद पुरानी वो बातें

डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद
06-08-2018

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 2 Comments · 678 Views
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