Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2023 · 1 min read

भूलाया नहीं जा सकता कभी

भूलाया नहीं जा सकता कभी, हो चाहे दूर कितना।
अपना घर,अपनों का प्यार,और वह परिवार अपना।।
भूलाया नहीं जा सकता——————-।।

अपनी कोख से जिसने, हमको जन्म दिया है।
अपने पसीने से जिसने, पालन पोषण किया है।।
बनाया जिसने भविष्य हमारा, छोड़कर सुख अपना।
भूलाया नहीं जा सकता—————–।।

बिताया है हमने बचपन कभी, जिनके साथ में।
हमजोली बनकर खेले हैं कभी, जिनके साथ में।।
सुलाया था हमको गोद में, देकर जिसने प्यार अपना।
भूलाया नहीं जा सकता—————–।।

बहिनों का वह सच्चा प्यार, भाईयों का वह दुलार।
अपने घर मनाये गए, अपनों के साथ में त्यौहार।।
याद बहुत आता है अभी ,बचपन का आंगन अपना।
भूलाया नहीं जा सकता—————–।।

जननी और जन्मभूमि, स्वर्ग से भी बढ़कर है।
आशीर्वाद हमारे बड़ों का, हमारे सिर पर है।।
याद है हमको अभी बचपन के साथी,स्कूल अपना।
भूलाया नहीं जा सकता—————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
217 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"चाह"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
तुम आशिक़ हो,, जाओ जाकर अपना इश्क़ संभालो ..
तुम आशिक़ हो,, जाओ जाकर अपना इश्क़ संभालो ..
पूर्वार्थ
जूते और लोग..,
जूते और लोग..,
Vishal babu (vishu)
रमेशराज की चिड़िया विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की चिड़िया विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
हिन्दी दोहे- सलाह
हिन्दी दोहे- सलाह
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दोहे
दोहे
Santosh Soni
"जरा सोचिए"
Dr. Kishan tandon kranti
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
Keshav kishor Kumar
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
Neerja Sharma
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
चुनाव 2024
चुनाव 2024
Bodhisatva kastooriya
प्रवासी चाँद
प्रवासी चाँद
Ramswaroop Dinkar
छोड़ भगौने को चमचा, चल देगा उस दिन ।
छोड़ भगौने को चमचा, चल देगा उस दिन ।
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*
*"घंटी"*
Shashi kala vyas
🚩वैराग्य
🚩वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
क़त्ल काफ़ी हैं यूँ तो सर उसके
क़त्ल काफ़ी हैं यूँ तो सर उसके
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
माँ मेरी परिकल्पना
माँ मेरी परिकल्पना
Dr Manju Saini
“यादों के झरोखे से”
“यादों के झरोखे से”
पंकज कुमार कर्ण
शिष्टाचार
शिष्टाचार
लक्ष्मी सिंह
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
अजी सुनते हो मेरे फ्रिज में टमाटर भी है !
अजी सुनते हो मेरे फ्रिज में टमाटर भी है !
Anand Kumar
हौंसले को समेट कर मेघ बन
हौंसले को समेट कर मेघ बन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
✍️✍️✍️✍️
✍️✍️✍️✍️
शेखर सिंह
*वट का वृक्ष सदा से सात्विक,फल अद्भुत शुभ दाता (गीत)*
*वट का वृक्ष सदा से सात्विक,फल अद्भुत शुभ दाता (गीत)*
Ravi Prakash
छोड़ दो
छोड़ दो
Pratibha Pandey
सत्य को सूली
सत्य को सूली
Shekhar Chandra Mitra
इश्क़ का दामन थामे
इश्क़ का दामन थामे
Surinder blackpen
तुझमें : मैं
तुझमें : मैं
Dr.Pratibha Prakash
मन और मस्तिष्क
मन और मस्तिष्क
Dhriti Mishra
Loading...